सुमित सेन/खरोरा-अंचल के प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं लखनलाल मिश्र की स्मृति में वार्षिक निःशुल्क रोग निदान शिविर का आयोजन उनके पैत्रिक ग्राम मूरा में किया गया| पंडित लखनलाल मिश्र के पुत्र पूर्व आईएएस गणेश शंकर मिश्र द्वारा आयोजित इस शिविर में बलोदाबाजार एवं रायपुर के स्पेशलिस्ट और सुपरस्पेशलिस्ट डोक्टरों के दल द्वारा रक्तचाप, मधुमेह, नेत्र, दन्त, हड्डी,पेट,स्वांस एवं किडनी संबंधित समस्याओं का सम्पूर्ण परीक्षण कर मुफ्त परामर्श दिया गया, साथ ही बांझपन और अन्य स्त्री संबंधित तथा शिशु संबंधित रोगों की जाँच किया गया| इस शिविर का उद्घाटन नेता प्रतिपक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा धरमलाल कौशिक ने किया, इस अवसर पर बलोदाबाज़ार विधायक प्रमोद शर्मा, धरसींवा विधायक अनीता शर्मा समेत पं लखनलाल मिश्र के परिवार के सदस्य उपस्थित रहे|

इस शिविर में वरिष्ठ सर्जन डॉ प्रमोद तिवारी, स्त्री रोग विशेषग्य डॉ गीतिका शंकर तिवारी, नेत्र रोग विशेषग्य डॉ विकास मिश्र, किडनी रोग विशेषग्य डॉ तुषार दानी एवं अन्य विशेषज्ञों के समेत तिल्दा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों की टीम ने अपनी सेवा प्रदान की| इस शिविर में कुल एक हज़ार तीन सौ लोगों की जांच की गयी एवं सभी को मुफ्त दवाई वितरण भी किया गया| लगभग सभी ने बीपी, शुगर की जांच करवाई और 150 लोगों का ईसीजी करवाया गया तथा 35 लोगों को मोतियाबिंद के ऑपरेशन करवाने हेतु परामर्श दिया गया| इस शिविर के माध्यम से हर्निया, हाइड्रोसिल और गलाईकोमा हेतु निश्चित तिथि को मुफ्त ऑपरेशन हेतु एमबुलंस से बड़े अस्पताल ले जाने की व्यवस्था भी कर दी गयी है| इसी शिविर में 10 लोगों को कोविड का टीका भी लगाया गया| मूरा, मोह्रेंगा, खौना, पिकरीडीह, गनियारी और बंगोली से बड़ी तादात में महिलाओं और पुरुषों ने इस शिविर का लाभ उठाया|

इसके अलावा मवेशियों के लिए भी वेटनरी चिकित्सक डॉ दीवान की अध्यक्षता में एक टीम ने लगभग घूम-घूमकर 720 गौधन का किन्नी, खुरा-चपका का उपचार, टिकाकारण एवं थनैटी जैसी समस्याओं का पशुओं में निवारण किया|
पं. लखनलाल मिश्र स्वास्थ्य शिविर सं. 2000 से प्रतिवर्ष 16 मार्च को उनकी पुण्यतिथि पर अनवरत आयोजित होता आ रहा है| इसके अंतर्गत ग्राम मूरा और आस-पास के ग्राम पंचायतों से ग्रामीणजन अपनी नियमित जांच करवाते हैं, विशेषज्ञों से चिकिस्त्सकीय परामर्श एवं मुफ्त दवाइयां प्राप्त करते हैं| पं. लखनलाल मिश्र के पुत्र, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे श्री गणेश शंकर मिश्रा ने बताया, परिवार द्वारा बाबूजी की स्मृति में दो दशकों से भी अधिक समय से आयोजित किये जा रहे इस स्वास्थ्य जांच शिविर का मुख्य ध्येय गृह-ग्राम एवं आस-पास के गाँवों के लोगों को उच्चस्तरीय चिकित्सकीय परामर्श दिलाना है, जो कभी-कभी छोटी-सी असावधानी के कारण एक बड़े रोग की चपेट में आ जाते हैं| इस शिविर के माध्यम से हम ग्रामीणों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के प्रति सजगता का सृजन करने की एक कोशिश कर रहे हैं| बीते 23 वर्षों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं लेकिन जिला अस्पताल में बेड न मिल पाना, सही उपचार न हो पाना एवं समय रहते चिकित्सकीय परामर्श नहीं मिल पाने से कई परिवारों ने अपने स्वजनों को खोया है| इस शिविर के माध्यम से नियमित वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण हो जाता है और लोगों में पहले की तुलना सजगता भी बढ़ी है| उन्होंने बताया की अब तक इस शिविर के माध्यम से एक हज़ार से अधिक मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया गया है|
कार्यक्रम में राजकुमार ठाकुर, नरेंद्र सिंह ठाकुर, अनिल नायक, घनश्याम चंद्राकर, छगन यादव, डोमार धुरंदर, सीटू भाटिया, दुर्गेश चंदेल, दोगेंद्र नायक, तेजपाल, दिवाकर चदेल, दुलेश साहू, पुनाराम वर्मा, सरजू वर्मा, दौलत धुरंधर, डॉ जगदीश, भागबली ध्रुव, केवरा वर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे|

प्रखर स्वातंत्र्य वीर थे लखनलाल मिश्र पं लखनलाल मिश्र ने भारत छोड़ो आंदोलन के समय, गांधीजी के आह्वान पर, दुर्ग में ब्रिटिश पुलिस दरोगा की रसूखदार नौकरी त्याग दी थी और अपने गाँव लौटकर किसान आंदोलन को मज़बूत करने में अपना शेष जीवन लगा दिया| 16 मार्च 1984 को अंचल ने पंडित मिश्र के रूप में एक प्रखर देशभक्त को खो दिया| उनका नाम छत्तीसगढ़ के उन प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में शामिल है जो आजीवन देश और समाज के लिए कार्यरत रहे| उनके योगदान को आदरपूर्वक स्मरण करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने बंगोली स्थित पेंड्रावन जलाशय को उनके नाम करते हुए पं लखनलाल मिश्र जलाशय किया है| यह जलाशय आपके ही पूर्वजों द्वारा ब्रिटिश शासनकाल में दान में दी गयी भूमि पर निर्मित है, जिसे सं.1909 में क्षेत्र में अक्सर पड़ने वाले आकाल से निज़ात पाने के लिए ब्रिटिश हुकूमत द्वारा निर्मित कराया गया था, और इससे आज भी अनेक गाँवों में अपासी होती है|
वर्ष 1999 में पं लखनलाल मिश्र की 15वी पुण्यतिथि के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री श्यामाचरण शुक्ल द्वारा ग्राम मूरा में उनकी शिलालेख का अनावरण किया गया था और उसी कार्यक्रम में पं मिश्र के सुपुत्र और पूर्व आईएएस गणेश शंकर मिश्र द्वारा उनकी याद में प्रतिवर्ष निःशुल्क स्वत्श्य शिविर प्रारंभ करने का संकल्प लिया गया था, जो आज तक अनवरत प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है| वर्ष 2005 में तत्कालीन राज्यपाल लेफ्टनेंट जनरल के एम सेठ एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने पं मिश्र की 31वी पुण्यतिथि के अवसर पर ग्राम मूरा में आयोजित एक वृहद कार्यक्रम में पंडित मिश्र की मूर्ती का अनावरण किया था जिस्में उनके जीवन को समर्पित एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया था|
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